इक नाम लिखा है (Ik Naam Likha Hai)

इस दिल के अरमानों पर
इस घर के सामानों पर
इक नाम लिखा है

इस घर के चंद चरागों पर
दीवारों पर, दागों पर
इक नाम लिखा है

बड़े दिनों के बाद
मेरे बेदिल अफसानों पर
इक नाम लिखा है

तेरे साथ की बातों पर
तेरे इश्क़ की रातों पर

आवाज़ों पर, आहों पर
दरवाज़ों पर, राहों पर

इक नाम लिखा है

शीशे पर, और जामों पर
गुज़रे हुए जमानों पर

इक नाम लिखा है

 

कुछ बेनाम से रिश्तों पर
जीने की इन किश्तों पर

इक नाम लिखा है

इन आधे अधूरे लफ़्ज़ों पर
रिश्तों पे लगते कब्ज़ों पर

इक नाम लिखा है

 

चेहरे की इन झुर्रियों पर
दिल पे चलती छुरियों पर

मौत की खामोशी पर
मौसम की सरगोशी पर

इक नाम लिखा है

 

मैंने, मेरे दोस्त, मेरे गमख्वार
मेरे हमख़्वाब
शिद्दत से तेरी इबादत में
पैगाम लिखा है
इक कोरे कागज़ पर जाने कितनी दफे
बिन स्याही की कलम उठाये
बस…

इक नाम लिखा है
इक नाम लिखा है

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